सेप्टिक शॉक से हुई पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौत, जानें इस रोग के बारे में सबकुछ

सेप्टिक शॉक से हुई पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौत, जानें इस रोग के बारे में सबकुछ

सेहतराग टीम

हमारे आस पास कई तरह के रोग फैले हैं, जिससे बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। उन्हीं बीमारियों में एक है सेप्टिक शॉक जो काफी खतरनाक बीमारी है। जी हां इसी बीमारी की वजह से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति पिछले कई दिनों से अस्पताल में वेंटिलेटर स्पोर्ट पर थे। मुखर्जी की हालात पिछले कुछ दिनों से काफी खराब थी, डॉक्टरों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति की मौत सेप्टिक शॉक के कारण हुई है।

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सेप्टिक शॉक एक खतरनाक स्थिति है, जब मरीज के कई अंग एक साथ क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। ये स्थिति मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी फेफड़ों में संक्रमण के कारण सेप्टिक शॉक में थे। इसकी वजह से उनकी स्वास्थ्य स्थिति और ज्यादा खराब हो गई थी। सेप्टिक शॉक एक गंभीर स्थिति है, और यह तब होता है जब किसी व्यक्ति का ब्लडप्रेशर किसी संक्रमण के बाद खतरनाक स्तर तक गिर जाता है। आइए जानते हैं कि सेप्टिक शॉक क्या है?

सेप्टिक शॉक क्या है?

इस बीमारी में मरीज का ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है, जिससे बॉडी में सूजन आ जाती है। ये बीमारी इतनी खतरनाक है, कि इसका असर बॉडी के महत्यपूर्ण अंगों पर पड़ता है। इससे ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं। मरीज का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक गिरने लगता है। इसमें शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाता। डॉक्टरों के मुताबिक अगर इस बीमारी के लक्षणों को शीघ्र ही पहचान करके इलाज कर लिया जाए तो गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। इस बीमारी की वजह से अंगों पर बेहद बुरा असर पड़ता है। अंग काम करना बंद कर सकते हैं। अंगों का काम करना बंद होने वाली स्टेज को सेप्टिक शॉक कहा जाता है, जिस की वजह से मरीज की मौत तक हो सकती है।

सेप्टिक शॉक के कारण:

सेप्टिक शॉक बीमारी की वो कंडीशन है, जब शरीर की कोशिकाओं में संक्रमण फैलता रहता है, और इससे लड़ने वाले कैमिकल या दवाईयों को जब खून के जरिए प्रवाह कराया जाता है, तो ये इंफेक्शन लड़ते हुए बॉडी के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाने लगता है।

सेप्टिक शॉक के लक्षण क्या हैं?

  • ब्लड प्रेशर का कम होना जिसकी वजह से आपको खड़े होने पर चक्कर महसूस होता है
  • मतली और उल्टी और दस्त लगना
  • सर्दी, जुकाम और रूखी त्वचा
  • एनएचएस के अनुसार, सेप्टिक शॉक के लक्षणों में ये बीमारियां शामिल हैं।
  • सेप्टिक शॉक एक मेडिकल इमरजेंसी है और अगर आपको लगता है कि आपको या आपके परिवार के किसी व्यक्ति को सेप्टिक शॉक है, तो आपको तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए।
  • मानसिक स्थिति में बदलाव, जैसे भ्रम या भटकाव

किस उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में लेती है ये बीमारी

सेप्टिक शॉक बुजुर्गों और एक साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे ज्यादा आम है। गर्भवती महिलाओं में भी कई गंभीर स्थितियों जैसे मधुमेह, किडनी या फेफड़ों की बीमारी, कैंसर, और कमजोर इम्यून सिस्टम वाली महिलाओं में सेप्टिक शॉक का खतरा अधिक होता है।

सेप्टिक शॉक का इलाज कैसे किया जाता है?

आमतौर पर इस बीमारी से पीड़ित मरीज़ को आईसीयू में भर्ती कराया जाता है ताकि उनका गंभीरता से इलाज किया जा सके।

सेप्टिक शॉक के उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:

  • ऑक्सीजन थेरेपी
  • सर्जरी
  • रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए दवा
  • एंटीबायोटिक्स
  • वासोप्रेसोर दवाएं - ड्रग्स जो रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में मदद करती हैं।
  • नसों के माध्यम से सीधे दिए गए तरल पदार्थ शामिल है।

 

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